उत्तराखंड में पलायन एक महामारी की तरह फैल रहा है , कोई पहाड़ में नही रहना चाहता, सब अंधी दौड़ में शहर की तरफ भाग रहे है । इसका क्या कारण है? एक तरफ जहां स्वस्थ्य, शिक्षा, रोजगार का अभाव पहाड़ में है, मेरे दृष्टि से पहाड़ के लोग भी काम चोर हो गए, जो होटलो, शहरों में गधे की तरह 12 घंटे काम करेंगे पर गांव में खेती करने से शर्म आएगी , क्योंकि फलाने का परिवार शहर है बल, तो हम क्या कम है । बस हम पहाड़ियो की यही देखा देखी ने मार दिया , बुरा न मानना में हु ए कोई और, 99 प्रतिसत लोग जो पलायन पे विचार करते हों, गोष्टि करते है, चिंतन लेखन करते है, सब शहरों में बसे है, पर कुछ मिशाल है जो रिवर्स पलायन को बढ़ावा दे रहे है।

